वर्ष 2018 के यात्राओं का लेखा-जोखा

2018 कुछ मामलों में मेरे लिए खास रहा- पुरे परिवार के साथ लंबी यात्रायें, बाइक द्वारा यात्रा कि शुरुआत, यात्रा वृतांत लिखने की शुरुआत, फोटो प्रितियोगिता में विजेता होना और इन सबसे बड़ी बात एक साहसी सोलो महिला यात्री से मुलाकात. वो साहसी और निडर, अध्यात्मिक सोलो यात्री थी मुम्बई, महाराष्ट्र की मिस ज्योति. जो कई महीनों से सोलो यात्रा कर रहीं हैं और आश्चर्य कि बिहार के दूर-दराज क्षेत्र को भी बड़ी आसानी से नाप डाला.
 
यह वर्ष कई सुखद अनुभूतियों के साथ विदा हो रहा है और नव वर्ष  का आगाज हो चुका है. नव वर्ष नई उमंगें, नई स्फूर्ति और नई आशाओं के साथ हमारे जीवन में नया सवेरा लेकर आये, इसी शुभकामनाओं के साथ.
 
नव वर्ष मंगलमय हो !
 
जनवरी
1st जनवरी (डे विजिट)
फॅमिली ट्रिप
अध्यात्मिक यात्रा
बिहार योग विद्यालय, मुंगेर
रोड ट्रिप कार से
तय दूरी – 108 किमी
हर 1st जनवरी को नव वर्ष का आगाज गुरु आश्रम में अध्यात्मिक और यौगिक अन्तः यात्रा से होती है.
(अब इसकी जगह कुछ नया करें शायद या फिर कुछ भी न करें)
  
बिहार योग विद्यालय का वृहमगम दृश्य
फरवरी
22 – 24 फरवरी  (डे विजिट)
फॅमिली ट्रिप
धार्मिक और साहसिक यात्रा
त्रिकुट पर्वत एवं बाबाधाम, देवघर 
रोड ट्रिप बस से
तय दूरी – 225 किमी
त्रिकुट पर्वत पर भारत के एक मात्र 45 डिग्री के एंगल पर बने उड़न खटोले (Roap Way) का आनन्द लेने के साथ त्रिकुट पर्वत पर मौजूद कई देवों के स्थान को देखा और ट्रेक्किंग का आनन्द लिया परिवार और छोटे बच्चों के साथ. अगले दिन सुबह भोले के दर्शन के बाद नवलक्खा मन्दिर और संध्या में नंदन पहाड़ में बच्चों ने झूलों और फिर सबने बोटिंग का आनंद लिया. बच्चों की यह पहली मस्ती भरी बोटिंग थी.  
 

त्रिकुट पर्वत उड़न खटोले (Roap Way) का आनन्द 
मार्च
11 मार्च (डे विजिट)
माँ से साथ
अध्यात्मिक यात्रा
महर्षि मेंहीं आश्रम, कुप्पा घाट, भागलपुर
रोड ट्रिप बाइक से
तय दूरी16 किमी
संतमत के प्रवर्तक महर्षि मेंहीं द्वारा स्थापित कुप्पा घाट की माँ की पहली यात्रा. मैं अभी तक कितनी बार चुका हूँ शायद गिनती कर पाऊं. पावन गंगा के तट पर बना कुप्पा घाट शान्ति और अध्यात्म के साथ लोगों के लिए थोड़ी समय के लिए घूम कर शान्ति को महसूस करने का एक महत्पूर्ण स्थल है भागलपुर में. कहा तो यह भी जाता है कि यहाँ कर्ण की मुंगेर के चंडिका स्थान जाने वाली सुरंग भी हैं. वैसे अब पूरी तरह से क्षतिग्रस्त होने की वजह से इसे बन्द कर दिया गया है.
अप्रैल
4 – 8  अप्रैल
माँ से साथ
लखनऊ यात्रा
ट्रेन ट्रिप
तय दूरी – 1505 किमी
रोड ट्रिप कार से
तय दूरी – 100 किमी

लगभग चार साल के बाद नबाबों के शहर लखनऊ जाना हुआ. वैसे तो यह पारिवारिक यात्रा थी पर इसमें भी हमने खुब आनन्द लिया. पहली बार कुकरैल, जिग्नेश मिश्रा पार्क और आंबेडकर पार्क देखने का मौका मिला. कुकरैल में घरियाल प्रजनन केन्द्र है, लखनऊ जैसे भीड़भाड़ वाले शहर में जंगल का आनन्द गया. जिग्नेश मिश्रा पार्क भी खूबसूरती की मिसाल ही है. आंबेडकर पार्क में पार्क जैसा कुछ तो था पर गरीबों के पैसे और मार्वल जैसे कीमती पत्थर की बर्बादी का बेहतरीन उदाहरण लगा मुझे.
नवाबों के शहर की नवाबी रेलवे स्टेशन 
मई जून  
28 मई – 02 जून
फॅमिली ट्रिप
हिल स्टेशन और दुर्गम यात्रा
दार्जिलिंग और सिक्किम यात्रा
ट्रेन ट्रिप
तय दूरी – 833 किमी
रोड ट्रिप कार से
तय दूरी – 500 किमी
ट्रेक12 किमी
परिवार के साथसाथ ससुराल के लोगों के साथ यह पहली हिल स्टेशन की यात्रा थी, यहाँ खूबसूरती का भरपूर लुत्फ़ उठाया. दार्जिलिंग तो खूबसूरत थी पर गंगटोक और सिक्किम ने जैसे दिल ही चुरा लिया. यही वजह है की 6 महीने बीतने के बाद भी इस यात्रा को बस अभी किया ऐसा महसूस होता है. यह यात्रा मेरी अभी तक की सभी यात्राओं में सबसे बेहतरीन यात्रा रही. गर्मी की छुट्टियों की वजह से यह यात्रा हमारे बजट से बाहर हो गई पर फिर भी हमें इसका कोई मलाल नहीं.
सिक्किम….  मैं फिर आऊँगा मेरी जान. दार्जिलिंग और सिक्किम यात्रा वृतांत को पढ़ने के लिए यहाँ जायें.
नाथुला और बाबा मन्दिर के पहले गर्मी में बर्फ का मजा
जून  
06 – 08 जून
माँ से साथ
एक गाँव की यात्रा
पूर्णियां,पूर्णियां, बिहार
रोड ट्रिप बस से
तय दूरी – 200 किमी
एक टिपिकल देहात में जाकर दो दिन रहने का मौका मिला जहाँ जाकर पता चला कि बिहार में शराबबंदी तो सिर्फ एक शिगूफा है, गाँवदेहात में अगर विकास हुआ है तो पतन के मार्ग पर. दुखद सत्य के दर्शन हुए. गाँव में सुविधाओं की अब कोई कमी नहीं पर पतन के मार्ग भी फोरलेन की तरह सुपर फास्ट हो गए.
 
जुलाई  –
24 – 26 जुलाई
माँ से साथ
अध्यात्मिक यात्रा
बिहार योग विद्यालय, मुंगेर
ट्रेन ट्रिप
तय दूरी – 100 किमी
रोड ट्रिप ऑटो से
तय दूरी – 20 किमी

गुरु पूर्णिमा के अवसर पर बिहार योग विद्यालय, गंगा दर्शन में प्रवास लगभग 7 – 8  वर्ष बाद हुआ. आनन्द की अनुभूति अपने चरम पर थी, जिसका वर्णन शब्दों से परे है.
गंगा दर्शन में सत्संग 
सितम्बर  –
10 – 13 सितम्बर
माँ से साथ
अध्यात्मिक यात्रा
बिहार योग विद्यालय, मुंगेर
ट्रेन ट्रिप
तय दूरी – 100 किमी
रोड ट्रिप ऑटो से
तय दूरी – 20 किमी
सन्यास पीठ की लक्ष्मीनारायण कार्यक्रम में आश्रम प्रवास कर शामिल होने का परम सौभाग्य पहली बार मिला. आश्रम जीवन को तरसती मेरी आत्मा जल बिल मछली सी हो रही थी, जिसे इस वर्ष गुरु कृपा ने सराबोर कर दिया. अध्यात्मिक और यौगिक जीवन दर्शन का संगम स्थली है गंगा दर्शन और सन्यास पीठ.  
 
अक्टूबर
10 अक्टूबर
ऑफिस के बंगाली सहयात्री के साथ
धार्मिक / धरोहर
बटेश्वर स्थान और विक्रमशिला
मेरी पहली बाइक यात्रा
तय दूरी – 100 किमी
ट्रेन कैंसिल होने की वजह से एक लंबी यात्रा रद्द होने से मन खिन्न था, बस बैठे-बैठे पहली बाइक यात्रा का प्लान बना और अगले दिन चल पड़े बटेश्वर स्थान और विक्रमशिला विश्वविद्यालय की ओर. सन 2008 के बाद दस साल से भी अधिक समय बाद मैंने इतनी लंबी बाइक यात्रा की, वरना मैंने 15-20 किलोमीटर से ज्यादा इन सालों मैं कभी ड्राइव नहीं किया. बटेश्वर स्थान में गंगा स्नान किया, जो की मेरे चंद गिने-चुने गंगा स्नान में सुमार हो गया. बिहार के गौरवशाली इतिहास विक्रमशिला विश्वविद्यालय को देख भाव-विभोर हो उठा. इस यात्रा वृतांत को पढ़ने के लिए यहाँ जायें. 
विक्रमशिला विश्वविद्यालय, कहलगांव, भागलपुर 
अक्टूबर
14 – 17 अक्टूबर
फॅमिली ट्रिप
अध्यात्मिक यात्रा
रिखिया पीठ, देवघर
रोड
ट्रिप बस से
तय दूरी – 240 किमी
नवरात्रि साधना की लिए अगर आश्रम का परिवेश मिल जाये और साथ में रामायण, भागवत तो क्या कहना. वही हमने पुरे परिवार के साथ इस बार किया. बच्चों को तो जैसे स्वर्ग मिल गया हो, किलकारी, उधम मचाते इनके चेहरे पर खिले फूलों की चमक आ गई थी. उनको रामायण और भागवत से क्या करना, उधम मचाने को विशाल परिसर और मौज-मस्ती पुरे दिन जो करने को मिल गया था.
रिखिया पीठ , देवघर 
नवम्बर
18 नवम्बर
फॅमिली + सिस्टर फॅमिली ट्रिप
ट्रेक / धार्मिक यात्रा
मंदार हिल
ट्रेन ट्रिप
तय दूरी – 50 किमी
रोड ट्रिप ऑटो से
तय दूरी – 60 किमी
छोटी बहन और बहनोई पधारे और मेरी यात्रा वृतांत का असर था की सीधी फरमाइस मंदार हिल जाना है. बस फिर क्या था, मुहूर्त निकाल चल पड़े एक छोटे से ऐडवेंचरस ट्रेक पर, और वो भी तीन 6 और 4 साल के बच्चों के साथ. पिछले साल ही बच्चों के साथ 27 दिसम्बर को मंदार हिल की ट्रेक पिकनिक की तरह की थी. बस बोटिंग रह गई थी सहकर्मी की घर वापसी की व्यग्रता की वजह से, जिसका मजा इस बार लिया गया. बच्चों को तो बहुत मजा आया.
पपहरनी के बीच स्थित लक्ष्मी-नारायण मन्दिर 
दिसम्बर
25 दिसम्बर
एक साहसी सोलो महिला यात्री के साथ
ट्रेक / धार्मिक यात्रा
मंदार हिल
मेरी दूसरी बाइक यात्रा
तय दूरी – 108 किमी
आभासी दुनिया के लोग जब मिलते हैं और वो भी दो पागल एक ही घुमक्कडी धुन के पक्के तो कैसा लगता है, यह आभास 24 – 27 दिसम्बर को जानने का मौका मिला. इस  साहसी, निडर सोलो महिला यात्री ज्योति मोटा के साथ फिर से 25 दिसम्बर को मौका मिला मंदार हिल जाने का, यह दो महीने में मेरी दूसरी बाइक यात्रा हो गई. यहाँ कई नई जानकारी मिली.
मैं और मेरी बसंती (मंदाचल के तलहटी में, पीछे मंदार पर्वत) 
दिसम्बर
26 दिसम्बर
एक साहसी महिला सोलो यात्री के साथ
धार्मिक यात्रा
जैन मन्दिर, चम्पापुरी
रोड ट्रिप बाइक से
तय दूरी 14 किमी
भागलपुर की चम्पापुरी जैन धर्म के नक्से पर एक महत्पूर्ण स्थान रखता है, क्योकिं यहाँ 12 वें तीर्थकर के पाँचों कल्याणक यहीं हुए. पर मैं अभी तक आ नहीं पाया था, कारण इन मन्दिरों का लोकल दर्शनार्थियों को रोक-टोक की नीति. खैर, साहसी सोलो महिला यात्री ज्योति मोटा के साथ
पुरे परिवार को मौका मिला यहाँ आने और दर्शन करने का. जैन तीर्थ में चम्पापुरी (जिसे हम नाथनगर कहते हैं) एक अति महत्वपूर्ण तीर्थ है पर जैन मन्दिर सरकार और लोकल प्रशासन की उपेक्षा का शिकार है.
जैन मन्दिर, चम्पापुरी 
दिसम्बर
27 दिसम्बर
एक साहसी सोलो महिला यात्री के साथ
धार्मिक / धरोहर
बटेश्वर स्थान और विक्रमशिला
मेरी तीसरी बाइक यात्रा
तय दूरी – 108 किमी
10 अक्टूबर के फिर से मौका मिला बटेश्वर स्थान और विक्रमशिला विश्वविद्यालय आने का और कारण थी साहसी सोलो महिला यात्री. मेरी तीसरे बाइक यात्रा कई मायने में बेहतरीन रही. कई नए अनुभव हुए, यात्रा वृतांत लिखा जाना बाकी है.
बटेश्वर स्थान गंगा किनारे श्रद्धा के रंग 
 
ट्रेन यात्रा कुल दूरी – 2588 किमी
रोड यात्रा कुल दूरी – 1830 किमी (बाइक यात्रा शामिल)
कुल बाइक यात्रा – 330 किमी.

 

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