Unseen Gangtok

गंगटोक का अनदेखा रूप – Unseen Beauty of Gangtok

दार्जलिंग और सिक्किम यात्रा (2018) – भाग 9
 
Unseen Gangtok


 

दिनांक 01.06.2018

आज यात्रा का अंतिम दिन है और आज ही हम 11 बजे न्यू जलपाईगुड़ी के लिये निकलेगें, जहाँ से हमारी वापसी की ट्रेन है. तो तब-तक सबने आराम फ़रमाने का निर्णय लिया. पर ये मेरी फितरत में नहीं कि मैं यात्रा में समय बिस्तर पर बिता दूँ. तो चलिये आपको भी एक अलग अंदाज में Unseen Beauty of Gangtok दिखता हूँ.
 
Mall Road Early Morning
सुबह-सुबह मॉल रोड़ गंगटोक पर पसरा सन्नाटा 
 
सुबह लगभग 6 बजे उठकर फ्रेश हो गया और 6:40 पर कैप और अपने यात्रा के बेहतरीन साथी मोबाइल को लेकर निकाल पड़ा सुबह-सुबह के सैर के बहाने गंगटोक का बिल्कुल ताजा और खूबसूरती भरा वो चेहरा देखने जो यहाँ आने वाले सैलानियों को भी शायद ही नसीब हो. होटल के सामने ही बिल्कुल शांत और खामोश माल रोड़ था, जहाँ शामें इतनी रंगीन और चमक-दमक मदहोस करने वाली होती है कि आगंतुक को अपने माया जाल में जकड ही लेती है. अनायास तो विश्वास ही नहीं हुआ कि मैं गंगटोक के माल रोड़ पर हूँ. पर यही तो जीवन का सत्य भी है –
“हर चमन को मुरझाना है, हर महफ़िल को वीरान हो जाना है.”

इधर-उधर कुछ देर चक्कर लगाया, पर माल रोड़ की वीरानी और शांत चेहरा मन को विचलित करने लगा तो गूगल बाबा का सहारा लिया और आसपास नजर डाला. एक पॉइंट पर जाकर नजर अटक गई- “सुइसाइड पॉइंट”. नाम ही कुछ अटपटा सा लगा तो जिज्ञासा बलबती हो गई और कदम चल पड़े महज दो किलोमीटर की दूरी पर स्थित सुइसाइड पॉइंट की ओर. आपमें से भी कई लोग सिक्किम गए होंगे पर ये जगह शायद ही किसी ने देखी होगी.

Gangtok Ropeway
Gangtok Ropeway…. 

सुइसाइड पॉइंट तक पहुँचते, मैंने रास्ते में फैली शान्ति और सैलानियों से अटे-पड़े शहर की खामोसी के साथ सुबह के वो नजारों के दर्शन भी किये जो दिन में नसीब नहीं. सड़क किनारे लगे फूलों की क्यारियों पर ओस की बूंदें, असमान में अटखेलियाँ कतरते शायद वही कल के बादल.

Suicide Point
Suicide Point, Gangtok से सूर्योदय का अदभुत नजारा 

सुइसाइड पॉइंट के पहले मुझे गंगटोक रोपवे मिला, यहाँ दिन में भीड़ उमड़ी पड़ी रहती है पर अभी तो मेरे सिवा वहाँ कोई नहीं था और गेट पर ताला लटक रहा था. वहाँ से थोड़ा आगे बढ़ा और सुइसाइड पॉइंट की ओर जाते पतले से रास्ते से पहाड़ी की ओर ऊपर चल पड़ा. इन रास्तों से दिखने वाले दिलकश नजारों ने सुबह-सुबह मुझे तरोताजा कर दिया. वाह, क्या नजारा दिख रहा था वादियों और शहर का. मैं धीरे-धीरे ऊपर की चला गया, मजे की बात ये थी मुझे एक भी इंसान के दर्शन न हुए सुइसाइड पॉइंट के एंट्री पॉइंट से ऊपर तक. असमंजस में था कि ऊपर जाऊं या नहीं क्योंकि जैसे-जैसे ऊपर जा रहा था रास्ते टूटे-फूटे मिल रहे थे और पहाड़ी के बिल्कुल किनारे-किनारे होने की वजह से थोड़ा डर तो लग ही रहा था, क्योकिं दूसरी ओर गहरी खाई थी. खैर, मैं बिल्कुल ऊपर पहुँच गया और यहाँ तो रास्ता ही बन्द था. अब क्या करूँ? क्या वापस इसी रास्ते से जाना पड़ेगा? असमंजस में पड़ गया.

Suicide Point
View fro Suicide Point
Way to Suicide Point
Suicide Point पर मैं अकेला 

 

Suicide Point से दिखता नीचे वादियों का दृश्य 

Suicide Point से दिखता नजारा 
Suicide Point को ऊपर जाता रास्ता 

किसी तरह इधर-उधर से डग-मग करते ऊपर चढ़ ही गया, यह सोचकर कि जब वापस जाने के पहले कोशिश कर देखता हूँ, शायद निकले का रास्ता मिल जाए. ऊपर शायद किसी बड़े बिल्डिंग का कम चल रहा था. गूगल बाबा झट से हाजिर हुए और बताया कि मैं “खान, खनिज एवं भूविज्ञान विभाग, सिक्किम” के बिल्डिंग में घुस चुका हूँ और वो भी पहाड़ी रास्ते से और साथ में ही सिक्किम विधान सभा भी है. मेरी तो हालत पतली हो गई, थोड़ा डरा भी, क्योकिं ये हाई प्रोफाइल एरिया है और मैं पहाड़ी रास्ते से इसमें घुस गया.  

Up on Tashi Namgyal Academy
Tashi Namgyal Academy Football Ground
गंगटोक विधानसभा
Tashi Namgyal Academy के ऊपर से भानु पथ 

फिर हिम्मत कर आगे बढ़ने लगा. बिल्डिंग के काम कि वजह से बड़े-बड़े ट्रक आ और जा रहे थे. मेन गेट खुला था कई सुरक्षा कर्मी भी वहाँ मौजूद थे, पर मैं चुपचाप चलता हुआ गेट से बाहर हो गया और किसी ने मुझे रोका-टोका भी नहीं. सच पूछिए तो गेट के पास पहुँच दिल धक्-धक् कर रहा था, और अगर पकड़ा जाता तो न मेरे पास पर्स था और न ही कोई आईडी कार्ड. खैर, गेट के बाहर आकार जान में जान आई और सिक्किम विधान सभा होते हुए भानु पथ की ओर तेजी से निकाल लिया. भानु पार्क और Tashi Namgyal Academy भी देखने का मौका मिला, पहाड़ी के नीचे Tashi Namgyal Academy का प्ले ग्राउंड काफी खूबसूरत दिख रहा था.

Tashi Namgyal Academy Football Ground


ये वही प्ले ग्राउंड हैं, जहाँ भारतीय फुटबॉलर बाइचुंग भूटिया ने सालों तक फुटबाल के साथ कलाबाजियाँ की हैं. सैकड़ों बच्चे वहाँ फुटबाल की प्रक्टिस कर रहे थे. वहाँ से मुख्यमंत्री आवास होते हुए अब होटल की ओर लौटा. लगभग 6-7 किलोमीटर की सुबह की सैर के साथ गंगटोक का नई-नवेली दुल्हन सा खिला चेहरा देख मन प्रफुल्लित हो रहा था. अब आज का दिन खराब होने का कोई मलाल भी न रहा और खुशी इस बात की थी जो दुर्लभ रूप-रंग मैंने सुबह-सुबह देखा गंगटोक का ये किसी भी पर्यटक ने न देखा होगा.

 
 
आगे जारी …
 
गंगटोक में सुबह की सैर पर लिये गए चंद फोटो →
अद्भुत दृश्य … पर देखने वाला मैं अकेला
Gangtok House
Gangtok House
 
Tashi Namgyal Academy
 
 
 
 

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